प्रतिष्ठित था, यशस्वी था,
ज्ञानी था, मानी था |
उपलब्धियों के बाज़ार में,
सफलता की कहानी था ||
अब,
उसकी कीर्ति में एक चाँद और जुड़ गया |
चाँद, ये था त्याग का |
त्याग, -------------- ये था बीबी के प्रेम में
मातृत्व का ||
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अतुल, राधास्वामी !
दुखद - समसामयिक सोच और प्रेरक रचना - धन्यवाद्
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें