Tuesday, May 25, 2010

समय के साथ कदम ताल

एक क्षण को रुको, क्षण नया आएगा |
थाम लो अपनी धड़कन, समय कदम और बढ़ाएगा ||
कान दो !  आहट पर,  चुपचाप निकल जायेगा |
रोक लो !   तुम रास्ता,
फांस लो !   फेंक जाला,
पकड़  सके  !  यह तुम्हें अगला क्षण  बताएगा ||
छोड़ दो !  ख्याल ये, गफलत क्यों हो पालते |
साथ होगा वो तुम्हारे, अगर तुम उसके साथ थे ||
कदम मिलाओ !  उठो अभी,
क्षण भर अगर रुके  तो,
क्षण एक और बीत जायेगा ||
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अतुल, राधास्वामी !

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