थाम लो अपनी धड़कन, समय कदम और बढ़ाएगा ||
कान दो ! आहट पर, चुपचाप निकल जायेगा |
रोक लो ! तुम रास्ता,
फांस लो ! फेंक जाला,
पकड़ सके ! यह तुम्हें अगला क्षण बताएगा ||
छोड़ दो ! ख्याल ये, गफलत क्यों हो पालते |साथ होगा वो तुम्हारे, अगर तुम उसके साथ थे ||
कदम मिलाओ ! उठो अभी,
क्षण भर अगर रुके तो,
क्षण एक और बीत जायेगा ||
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अतुल, राधास्वामी !
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