बोलते हैं, खामोश पद- चिन्ह | सफलता का राज स्वयं | बताते हैं आपसी होड़ को | कदम-दर-कदम, मंजिल की पहुँच को | राह बना लेते हैं स्वंय, स्वरुप दे प्रयास को | यह सही है, अनुगामी हैं होते, राह के | मगर, राह पर होना, क़दमों का होना भी, है सही | _______ अतुल, राधास्वामी !
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